पांच दिन मनाए जाने वाले त्यौहार चलेंगे छह दिनों तक

पांच दिन मनाए जाने वाले त्यौहार चलेंगे छह दिनों तक

पांच दिन मनाए जाने वाले त्यौहार चलेंगे छह दिनों तक

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा विद्वानों की बैठक राजेंद्रनगर स्थित प्रधान कार्यालय पर हुई जिसमें इस बार ग्रह नक्षत्रों व तिथि का 2 दिन का संयोग होने से पर्व व मुहूर्त के विषय में उत्पन्न संशय पर विचार-विमर्श करके शास्त्रोंचित निर्णय किया गया महासभा अध्यक्ष पंडित के0 सी0 पाण्डेय (काशी वाले ) ने बताया कि धर्मशास्त्रों के अनुसार स्वाति नक्षत्र में सायं व निशीथकालीन युक्त कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि को दीपावली बताया गया है जो इसबार 12 नवम्बर, रविवार को है अमावस्या तिथि दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 2.56 तक रहेगा. स्नान दान की अमावस्या 13 नवम्बर को रहेगा.पांच दिनोंतक चलने वाले ये महापर्व इस बार 6 दिन का रहेगा  जिसकी शुरुआत कार्तिक कृष्ण त्रयोंदशी (धनतेरस) से होंगी जो 10 नवम्बर, शुक्रवार को है पुराणों के अनुसार धनतेरस के दिन ही धन्वंतरि अमृत कलश लेकर निकले थे एवं माँ लक्ष्मी जी भी समुद्र मंथन से इसी दिन प्रकट हुई थी अतः इस दिन स्वास्थ्य व समृद्धि के लिए धन के स्वामी कुबेर, देव धन्वंतरी व लक्ष्मी जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है,धार्मिक मान्यतानुसार धनतेरस के दिन सोना -चांदी,बर्तन या कोई धातु की वस्तु अवश्य खरीदना चाहिए, श्री लक्ष्मी -गणेश जी की मूर्ति, बहीखाता, झाड़ू व पूजन सामग्री के साथ नई वस्तुओं को खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है 10 नवम्बर, शुक्रवार को दोपहर 12.35 से त्रयोंदशी तिथि आरम्भ होकर 11 नवम्बर दोपहर 1.57 तक रहेगी इस बीच खरीददारी करना शुभ रहेगा, धनतेरस पूजन 10 नवम्बर शाम को होगा. धर्मग्रंथो के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि जिसे रूप चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी व परम्परा में छोटी दिवाली कहते है दीपदान व अभ्यंग स्नान (उबटन लगाकर ) सूर्योदय से पूर्व का महत्व है इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है तथा नरक की प्राप्ति नहीं होती है चतुर्दशी तिथि 11 नवम्बर शनिवार को अपरान्ह 1.57 से शुरू होकर 12 नवम्बर को अपरान्ह 2.44 तक रहेगा अतः दीपदान,यमदीपक सायंकालीन 11 नवम्बर को और रूप चतुर्दशी स्नान 12 को सुबह होगा.पौराणिक मान्यतानुसार कुछ स्थानों पर इस दिन हनुमानजी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा 13 नवम्बर सोमवार शाम को होगा.
भैयादूज के सम्बन्ध में उत्पन्न संशय को दूर करते हुए महासभा विद्वानों ने कहा कि धर्मग्रंथो के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया (भैयादूज ) अपरान्ह कालीन पर्व है महामंत्री अनिशा सोनी पाण्डेय ने पौराणिक कथा बताते हुए कहा कि इस दिन यमराज जी अपनी बहन यमुना के घर गये थे जहाँ पर यमुना जी को आशीर्वाद वचन दिया कि जो भी भाई इस दिन बहन के घर स्नान व भोजन करेगा उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होगी बहन को यथाशक्ति उपहार अवश्य देना चाहिए, जो बहन के द्वारा भैया का तिलक व ताम्बुल आदि से पूजन करती है वो कभी विधवा नहीं होती तथा इससे दोनों समृद्ध रहते है संभव हो तो इस दिन यमुना नदी में स्नान करना चाहिए यह कथा तीनों लोकों में सुनी जाती है इस दिन अपने घर में भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.द्वितीया तिथि 14 नवम्बर को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 15 नवम्बर दिन बुधवार 1.46 तक रहेगा अतः भैया दूज दोनों दिन मना सकते है उदयकालीन तिथि व अपरान्ह प्राप्त होने से 15 नवम्बर को मनाना ज्यादा उचित रहेगा.कोषाध्यक्ष मित्र प्रसाद काफ़्ळे व लेखा निरीक्षक आचार्य देवी प्रसाद तिवारी ने सभी पर्व के मुहूर्त के पूजन,खरीददारी व उपाय के सम्बन्ध में अपना विचार रखा.बैठक की अध्यक्षता ज्योतिषी के0 सी0 पाण्डेय (काशी वाले )ने की बैठक में संरक्षक डॉ0 वासुदेव शर्मा, पंडित संतोष तिवारी,पंडित रज्जन लाल अवस्थी, पंडित देशराज वृजवासी,पंडित अजय पाण्डेय,संरक्षक पंडित हरीश शर्मा,एस्ट्रो धर्मेंद्र बंसल,मिडिया प्रभारी सर्वेश तिवारी, पंडित अजय तिवारी आदि शामिल रहे,संचार माध्यम से मंत्री गौरव कौशिक,आचार्य कमलेश गिल्डियाल, पंडित जगदम्बा शर्मा, पंडित ब्रजेश कौशिक, आचार्य पुरुषोत्तम दाहाल ने भी अपने विचार रखें.

शुभ धनतेरस पूजन मुहूर्त -
10 नवम्बर 2023, शुक्रवार
सायं 5.46 से 7.06 वृषभ लग्न, प्रीति योग
खरीददारी शुभ मुहूर्त -
दोपहर 12.02 से 1.23 अभिजीत व शुभ चोघड़िया
दोपहर बाद 4.06 से 5.27 चल 
रात 8.45 से 10.24 लाभ 

11 नवम्बर 2023 शनिवार धनतेरस खरीददारी मुहूर्त-
सुबह 7.59 से 9.20
दोपहर 12.02 से 1.58

नरक चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी मुहूर्त
यम दीपदान - 11 नवम्बर की सांय 
अभ्याँग स्नान -12 नवम्बर प्रातः 4.59 से सूर्योदय तक

दीपावली पूजन शुभ मुहूर्त -
12 नवम्बर 2023 रविवार
सायं 5.38 से 7.34 स्थिर लग्न, शुभ चौघड़िया, सौभाग्य योग

निशीथकाल पूजन
रात 12.10 से 2.27 तक

रात 7.34 से 10.24 के बीच भी पूजन व अन्य शुभ कार्य कर सकते है.

गोबर्धन पूजा शुभ मुहूर्त -
13 नवम्बर, सोमवार
सांय 5.34 से 7.30 वृषभ लग्न

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